दिल्ली में  लोगों को पलूशन की चिंता सताने लगी है।

दिल्ली में  लोगों को पलूशन की चिंता सताने लगी है।

राजधानी दिल्ली सहित पूरे NCR में जैसे-जैसे ठंडक का आगमन हो रहा है, वहीं लोगों को प्रदूषण की चिंता सताने लगी है। वे अब उन दिनों की याद कर रहे हैं, जब धूंध और घातक हवाओं के बीच दिन गुजरना सामान्य था। आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विंटर एक्शन प्लान का ऐलान किया है, जिसे 1 अक्टूबर से दिसंबर तक प्रारंभ किया जाएगा। विपरीत, दिल्ली-NCR में अक्टूबर 1 से डीजल जनरेटरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगने वाला है। हां, आप सही पढ़ रहे हैं, रविवार को ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना है। दिल्ली-NCR में लगभग 2 लाख डीजी सेट्स इस समय उपयोग में हैं और इसके पर्याप्त कदमों की आवश्यकता है। दिल्ली में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पहले से ही प्रतिबंध लागू किया गया है, लेकिन डीजल सेट्स पर प्रतिबंध के लिए संगठन और उद्योग तैयार नहीं हैं। वास्तविकता में, दिल्लीवालों को डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध का ज्यादा असर नहीं होगा क्योंकि इनका उपयोग वहां कम होता है। इस साल अल नीनो के कारण सर्दियों में प्रदूषण बढ़ सकता है, जिसके चलते हवाओं की गुणवत्ता दिन पर दिन कम हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अल नीनो के दौरान हवाओं की गति काफी कम होती है, और सर्दियों में इनकी गति 3 से 5 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से भी कम हो सकती है। इसलिए, प्रदूषण से बचाव के लिए इस बार हमें व्यापक कदम उठाने की आवश्यकता होगी। पिछले दो-तीन साल से दिल्ली में सर्दियों के दौरान ला नीना की स्थिति बनी हुई थी, जिसके चलते सर्दियों में हवाओं और मौसम ने दिल्ली का साथ दिया था। इस बार अल नीनो के कारण ऐसा नहीं होगा, और दिवाली के समय ज्यादा सर्दी की उम्मीद है। त्योहार नवंबर के मध्य में होता है, इसलिए प्रदूषण के प्रभाव को लंबे समय तक में देखा जा सकता है।

दिल्ली में  लोगों को पलूशन की चिंता सताने लगी है। वहीं ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, इसे ही संक्षिप्त रूप में ग्रैप कहते हैं। यह एनसीआर के जिलों में प्रदूषण कम करने के लिए विभिन्न चरणों में लगाया जाता है।

इस निषेध का सीधा प्रभाव नोएडा में चल रही उद्योगों और उच्च आवासीय समुदायों पर पड़ेगा। यहां पर लगभग 350 उच्च आवासीय समुदाय हैं, लेकिन केवल 50 ने अब तक अपने डीजी सेट्स को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत परिवर्तित करवाया है। लगभग 300 से अधिक समुदायों में अब भी पहले की तरह डीजी सेट्स का उपयोग हो रहा है। ग्रैप के प्रावधानों के प्रभाव से इन समुदायों में पावर बैकअप समस्याएं बढ़ सकती हैं। कुछ समुदायों में किराये के डीजी सेट्स भी चल रहे हैं। डीजी सेट्स पर लगाई गई ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के प्रावधानों के चलते, समुदायों में पावर बैकअप समस्याएं बढ़ सकती हैं। कुछ समुदायों में ड्यूल फ्यूल जेनरेटर न होने पर 10 समुदायों को नोएडा अथॉरिटी ने नोटिस दिया है।

अधिकारियों ने बताया कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान को चार चरणों में लागू किया जाएगा। निगरानी के लिए चार टीमें तैयार की गई हैं। अधिकारी अभी विस्तार से कुछ नहीं कर रहे हैं, लेकिन सीएक्यूएम के अधिकारी 24 घंटे के अंदर एक बैठक का आयोजन करने वाले हैं। जानकारी के अनुसार, डीजी सेट्स पर लगाने की जाने वाली पाबंदियां 31 दिसंबर तक लागू हो सकती हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, जिसे संक्षेप में ग्रैप कहा जाता है, एनसीआर के जिलों में प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न चरणों में लागू किया जाता है। वायु गुणवत्ता के आधार पर ग्रेडेड रिस्पांस

एक्शन प्लान को चार अलग-अलग स्टेज में बांटा गया है। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 200 से लेकर 450 के बीच होने पर इसका अधिकारिक अद्यतन होता है। इस प्रकार, डीजल जनरेटर पर प्रतिबंद लगता है। हालांकि आपातकालीन कार्यों और सेना के कार्यों पर यह प्रतिबंद नहीं लगता है। कोयला से चलने वाले उद्योग बंद हो जाते हैं। इस तरह से देखा जाए, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) हवा की गुणवत्ता को बचाने के लिए आपातकालीन उपायों का एक सेट है। यह भी ध्यान दिलाइए कि अगर प्रदूषण बढ़ता रहता है, तो पाबंदियां और भी कठिन हो सकती हैं।

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